आंधी और तूफ़ान का साया
जिसने सब कुछ हिला दिया
अन्धेरा यह कैसा छाया
जिसने रौशनी से मिला दिया
जब जीतने का जज्बा था तो
कोई सानी नही मिला
और जब डूबने की इच्छा हुई
तो कही पानी नहीं मिला
बेकार गयी हर सुरक्षा
खाली गया हर वार
जीतने पर जीत न मिली
हारने पे न मिली हार
जीत ली जब दुनिया साडी
अब और क्या मैं पाऊंगा
जीने की वजह भी हारी
अब मर के सिकंदर कहलाऊंगा
आंधी और तूफ़ान का साया
जिसने मेरा सब कुछ हिला दिया
अँधेरा यह कैसा छाया
जिसने मुझको आज रूला दिया
खड़ा अकेला उस छोटी पर
ढूंढ रहा करने को काम
नीचे लोग आवाज़ दे रहे
बुला बुला के मेरा नाम
दे कर मैं उनको सहारा
सब को ऊपर लाऊंगा
यूह अकेला मर की भी मैं
ज़िन्दगी से क्या पाऊंगा
होगा अन्धेरा ऊपर मेरे
पर रौशनी तो निचे है
मंजिल चाहे आगे हो पर
साथी मेरे पीछे है
मर गया सिकंदर जी कर
क्या उसने खुद से पाया
पूरी दुनिया को हरा के
आखिर में तो ज़हर खाया
आखिर में तो ज़हर खाया
जिसने सब कुछ हिला दिया
अन्धेरा यह कैसा छाया
जिसने रौशनी से मिला दिया
जब जीतने का जज्बा था तो
कोई सानी नही मिला
और जब डूबने की इच्छा हुई
तो कही पानी नहीं मिला
बेकार गयी हर सुरक्षा
खाली गया हर वार
जीतने पर जीत न मिली
हारने पे न मिली हार
जीत ली जब दुनिया साडी
अब और क्या मैं पाऊंगा
जीने की वजह भी हारी
अब मर के सिकंदर कहलाऊंगा
आंधी और तूफ़ान का साया
जिसने मेरा सब कुछ हिला दिया
अँधेरा यह कैसा छाया
जिसने मुझको आज रूला दिया
खड़ा अकेला उस छोटी पर
ढूंढ रहा करने को काम
नीचे लोग आवाज़ दे रहे
बुला बुला के मेरा नाम
दे कर मैं उनको सहारा
सब को ऊपर लाऊंगा
यूह अकेला मर की भी मैं
ज़िन्दगी से क्या पाऊंगा
होगा अन्धेरा ऊपर मेरे
पर रौशनी तो निचे है
मंजिल चाहे आगे हो पर
साथी मेरे पीछे है
मर गया सिकंदर जी कर
क्या उसने खुद से पाया
पूरी दुनिया को हरा के
आखिर में तो ज़हर खाया
आखिर में तो ज़हर खाया
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